कुण्डलिनी क्या है ?

कुण्डलिनी को प्राचीन काल में एक ऐसी शक्ति बताया गया है, जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को चलाती है। ऐसा कहा जाता है कि सम्पूर्ण संसार को भी कुण्डलिनी शक्ति ही चला रही है। जापान और चीन में इसे ‘ची’ कहा जाता था। माना जाता है कि हमारे जन्म से लेकर बुढ़ापे तक, कुण्डलिनी ही हमारा पालन-पोषण करती है, इसलिए इसे माँ का दर्जा दिया गया है। जब कोई शिशु जन्म लेता है, तो उसकी छोटी-छोटी हड्डियाँ धीरे-धीरे विकसित होती हैं और वह बड़ा होता है – इस पूरे विकास के पीछे कुण्डलिनी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यही शक्ति हमें बचपन से जवान और फिर वृद्धावस्था तक पहुँचाती है।

कुण्डलिनी हमारे शरीर में कैसे कार्य करती है?

वैसे तो हर व्यक्ति का शरीर परमात्मा की शक्ति से ही संचालित होता है, लेकिन यदि किसी को आत्मा से जुड़ना है और चेतना के स्तर को ऊँचा उठाना है, तो कुण्डलिनी इसमें सहायता करती है।

प्राचीन ग्रंथों में बताया गया है कि मानव शरीर में सात चक्र होते हैं, और कुण्डलिनी मूलाधार चक्र में निवास करती है। जब कुण्डलिनी जागृत होती है, तो यह मूलाधार चक्र से उठकर सहस्रार चक्र तक जाती है। इस जागरण के दौरान साधक को विभिन्न आध्यात्मिक अनुभव होते हैं। सहजयोग के माध्यम से साधक को सिर्फ सच्चे मन से माँ कुण्डलिनी को पुकारना होता है, जिससे कुण्डलिनी शक्ति स्वतः जागृत होने लगती है। वहीं, हठ योग में योगियों ने कुण्डलिनी जागरण के लिए विभिन्न योग विधियाँ बताई हैं, लेकिन सहजयोग में केवल शुद्ध इच्छा ही पर्याप्त होती है।

कुण्डलिनी और सूक्ष्म शरीर

प्राचीन ऋषि-मुनियों ने यह बताया है कि कुण्डलिनी सूक्ष्म शरीर में कार्य करती है, लेकिन यह धारणा पूर्णतः सत्य नहीं है। वास्तव में, कुण्डलिनी इस भौतिक शरीर में ही काम करती है और शरीर में स्थित विशिष्ट नाड़ियों एवं ग्रंथियों को सक्रिय करती है। हमारे शरीर में पाँच प्रकार की वायु काम करती हैं, जिनमें उदान वायु कुण्डलिनी को आगे बढ़ाने में सहायता करती है।

निष्कर्ष

कुण्डलिनी एक अद्भुत शक्ति है, जो न केवल हमारे शरीर को सक्रिय करती है, बल्कि हमें परमात्मा से मिलने में भी सहायता करती है। यदि कोई व्यक्ति अपने शरीर की अधिकतम क्षमताओं को जागृत करना चाहता है, तो उसे कुण्डलिनी शक्ति की सहायता लेनी होगी। यह शक्ति हमारे अस्तित्व की गहराई तक पहुँचाने और आत्मबोध कराने में सहायक होती है।

2 thoughts on “कुण्डलिनी क्या है ?”

  1. Ye wo maha shakti hai jo hame apne aap se jodne me madad karti hai ye wo maha shakti hai jiske utne se hamara us universe ki urja se yog ho jata hai is cosmic urja ko kewal uske utne pr hi feel kiya ja sakta hai iske bare me social media me bahut bhrntiya feli hai iske bare me vahi bata sakta hai jiski kundali uti hui ho or ise wahi sadh sakta hai jiske pass ek siddha guru ho hame apne jivan me iske utne pr ese anubhav hote hai jiski hamne koi kalpana bhi na ki ho is samay ek guru ki bahut aavshyakta hoti hai

  2. Me kundali ke bare me kuch nahi janti thi bas bet jati thi apne aap hi ut gai pr use sambhala kese jata hai ye anuragji se sikha bahut se guru ko suna hai vo esa nahi sikhte hai jesa anuragji sikhate hai unhe isaka bahut achcha gyan hai

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